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Saturday, April 23, 2011

कॉमर्स करे कमाल

बारहवीं के बोर्ड एग्जाम करीब-करीब खत्म हो गए हैं। एग्जाम खत्म होने के बाद अक्सर सबसे बड़ी समस्या होती है करियर चुनने की। ज्यादातर स्टूडेंट्स को यह पता नहीं होता कि किस सब्जेक्ट में क्या-क्या करियर ऑप्शंस हैं और वे किस फील्ड में अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं? हम आपको बारहवीं के बाद कॉमर्स से जुडे़ दिल्ली में उपलब्ध ऑप्शंस के बारे में बता रहे हैं। एक्सपर्ट्स से बात करके पूरी जानकारी दे रही हैं गुंजन शर्मा 

ऐकडेमिक कोर्स

बी.कॉम पास 
यह कोर्स दिल्ली यूनिवसिर्टी के लगभग 55 कॉलेजों में उपलब्ध है। 

योग्यता : बारहवीं पास। हर कॉलेज अपनी कट-ऑफ लिस्ट निकालता है, जिसके आधार पर ऐडमिशन मिलता है। डीयू के सभी कॉलेजों में ऐडमिशन मार्क्स के आधार पर होता है। 

कब मिलेंगे फॉर्म : जून के पहले हफ्ते से। 

कहां से मिलेंगे : सेंट्रलाइज्ड फॉर्म मिलते हैं, जिसके लिए यूनिवर्सिटी सेंटर तय करती है। 

जॉब ऑप्शन : अकाउंटिंग, फाइनैंशल सेक्टर जैसे बैंकिंग, इंश्योरेंस और क्लैरिकल आदि। अगर कोई स्टूडेंट इसमें आगे पढ़ना चाहें तो एमबीए और एम.कॉम कर सकता है। 

बी.कॉम ऑनर्स 
यह कोर्स दिल्ली यूनिवर्सिटी के साथ-साथ जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में भी है। 

डीयू 

योग्यता : बारहवीं पास। हर कॉलेज अपनी कट-ऑफ लिस्ट निकालता है, जिसके आधार पर ऐडमिशन मिलता है। 

जामिया 

योग्यता : कम-से-कम 50 फीसदी नंबरों के साथ बारहवीं पास। जामिया में हर कोर्स के लिए एंट्रेंस होता है। 

कब मिलेंगे फॉर्म : फॉर्म निकल चुके हैं। फॉर्म जमा कराने की आखिरी तारीख 5 मई है। फॉर्म जामिया यूनिवसिर्टी जाकर सुबह 9:00 से दोपहर बाद 4:00 बजे तक (लंच टाइम 1-2 छोड़कर) खरीद सकते हैं और जमा करा सकते हैं। शनिवार और रविवार को यूनिवर्सिटी बंद रहती है। फॉर्म http://www,jmi.ac.in से डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

कब होगा टेस्ट : 2 जून। टेस्ट का रिजल्ट 15 जून को आएगा। ऐडमिशन मेरिट के हिसाब से मिलता है, जिसमें एंट्रेंस टेस्ट का वेटेज 85 परसेंट और इंटरव्यू का वेटेज 15 परसेंट होगा। 

जॉब ऑप्शन : अकाउंटिंग, फाइनैंशल सेक्टर जैसे बैंकिंग, इंश्योरेंस और क्लैरिकल आदि। बी.कॉम ऑनर्स करने के बाद जो स्टूडेंट ऐकडेमिक में जाना चाहते हैं, उन्हें फायदा होता है क्योंकि इसमें मैथ्स ज्यादा होता है। आगे एम.कॉम या सीए कर सकते हैं। इस कोर्स के कुछ पेपर सीए से मिलते जुलते होते हैं इसलिए सीए करने में फायदा होता है। 

बी. ए. (ऑनर्स) इकनॉमिक्स 
यह कोर्स डीयू के लगभग सभी कॉलेजों में उपलब्ध है। डीयू में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स को इस कोर्स के लिए बेस्ट कॉलेज माना जाता है। इसके अलावा जामिया भी यह कोर्स कराता है। 

डीयू 

योग्यता : बारहवीं पास। हर कॉलेज अपनी कटऑफ लिस्ट के आधार पर एडमिशन करता है। 

कहां से मिलेंगे : सैंट्रलाइज्ड फॉर्म मिलते हैं, जिसके लिए यूनिवर्सिटी सेंटर तय करती है। 

जामिया 

योग्यता : कम-से-कम 50 फीसदी नंबरों के साथ बारहवीं पास। 

कब मिलेंगे फॉर्म : फॉर्म निकल चुके हैं। फॉर्म जमा कराने की आखिरी तारीख 5 मई है। फॉर्म जामिया जाकर सुबह 9 बजे से दोपहर बाद 4 बजे तक (लंच टाइम 1-2 छोड़कर) खरीद सकते हैं और जमा करा सकते हैं। शनिवार और रविवार को यूनिवर्सिटी बंद रहती है। फॉर्म http://www,jmi.ac.in से डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

जॉब ऑप्शन : प्लानिंग से जुड़ी जॉब मिलती है, जैसे रूरल या अर्बन प्लानिंग आदि। स्टूडेंट्स इसमें आगे पढ़ना चाहें तो एमबीए, एम. ए इकनॉमिक्स आदि कर सकते हैं। रिसर्च में भी जा सकते हैं। 

प्रफेशनल कोर्स 

बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) 

यह कोर्स गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ (आईपी) यूनिवर्सिटी से होता है। आईपी में नए सेशन के लिए ए 
ऐडमिशन प्रोसेस शुरू हो गया है। यूनिवर्सिटी 88 प्रोग्राम के लिए 48 एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करती है। यूनिवर्सिटी के 11 स्कूल हैं और इससे जुड़े 103 इंस्टिट्यूट हैं। 

आईपी यूनिवर्सिटी से इन स्ट्रीम्स में बीबीए कर सकते हैं : 

- BBA (B&I) - बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बैंकिंग ऐंड इंश्योरेंस) 

BBA (CAM) - बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (कंप्यूटर एडिड मैनेजमेंट) 

BBA ( T&TM ) - बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (टूर एंड ट्रैवल मैनेजमेंट) 

BBA General 

BBA ( MOP&M ) - बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (मॉर्डन ऑफिस प्रैक्टिस ऐंड मैनेजमेंट) 

योग्यता : कम-से-कम 50 परसेंट मार्क्स के साथ बारहवीं पास अप्लाई कर सकते हैं। बारहवीं में इंग्लिश सब्जेक्ट पढ़ा होना जरूरी है। 

कब निकलते हैं फॉर्म : फॉर्म मिलने शुरू हो गए हैं। 25 अप्रैल तक अप्लाई कर सकते हैं। 

कहां से लें फॉर्म : दिल्ली में इंडियन बैंक की 22 ब्रांचों से ले सकते हैं। ऐडमिशन फॉर्म और प्रॉस्पेक्टस की कीमत 1,000 रुपये है। फॉर्म http://ipu.admissionhelp.com पर 25 अप्रैल तक ऑनलाइन या द्वारका जाकर यूनिवर्सिटी में सीधे जमा करा सकते हैं। 

टेस्ट कब : इसके लिए कॉमन एंटेंस टेस्ट (CET) होता है। टेस्ट 28 मई (शनिवार) को सुबह 10:30 से दोपहर 1 बजे तक होगा। टेस्ट का रिजल्ट 14 जून को आएगा। 

टेस्ट फॉरमैट : टेस्ट ऑब्जेक्टिव टाइप होता है, जिसमें कुल 150 सवाल होंगे। इंग्लिश लैंग्वेज, जनरल नॉलेज, लॉजिकल ऐंड एनालिटिकल अबिलिटी और मैनेजमेंट एप्टिट्यूड से जुडे़ सवाल पूछे जाएंगे। एक सवाल चार मार्क्स का होगा। निगेटिव मार्किंग भी है, जिसमें एक गलत जवाब के लिए एक नंबर काटा जाएगा। 600 नंबर के टेस्ट के लिए ढाई घंटे मिलेंगे। टेस्ट सिर्फ इंग्लिश मीडियम में ही दे सकते हैं। 

जॉब ऑप्शंस : इसमें मार्केटिंग, क्लैरिकल और फाइनैंस में शुरुआती स्तर की जॉब मिलती हैं। आगे पढ़ना चाहें तो एमबीए कर सकते हैं। 

BBA, BBE, BFIA 

बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज), बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकनॉमिक्स/बीए (ऑनर्स) बिजनेस इकनॉमिक्स) या बीएफआईए (बैचलर ऑफ फाइनैंशल ऐंड इनवेस्टमेंट एनालिसिस) ये तीनों कोर्स डीयू में उपलब्ध हैं। तीनों कोर्सों के लिए फॉर्म की तारीखें और योग्यता आदि एक जैसी है। 

योग्यता : कम-से-कम 60 परसेंट मार्क्स के साथ बारहवीं पास होना जरूरी है। टेस्ट के लिए वही स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकते हैं, जिन्होंने बारहवीं क्लास में मैथ्स और इंग्लिश सब्जेक्ट पढ़ा हो। स्टूडेंट्स का बेस्ट 4 स्कोर देखा जाएगा। इंग्लिश और मैथ्स के अलावा दो ऐकडेमिक सब्जेक्ट के मार्क्स भी जोड़े जाएंगे। इनमें हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, केमिस्ट्री, फिजिक्स जैसे ऐकडेमिक सब्जेक्ट हो सकते हैं। वोकेशनल सब्जेक्ट के मार्क्स को नहीं जोड़ा जाएगा। 

कब निकलते हैं फॉर्म : इन दिनों फॉर्म मिल रहे हैं। 4 मई तक फॉर्म जमा करा सकते हैं। 

कहां से लें : www.south.du.ac.in/fassh, https://dducollege.du.ac.in, www.sscbsdu.ac.in पर लॉगऑन करके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन सिर्फ ऑनलाइन होगा। 

टेस्ट कब- जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट 5 जून को होगा। 

टेस्ट फॉरमैट : टेस्ट 2 घंटे का होगा और इसमें 120 ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल पूछे जाएंगे। निगेटिव मार्किंग भी होगी। सही जवाब के लिए तीन नंबर मिलेंगे और गलत जवाब देने पर एक नंबर कट जाएगा। टेस्ट चार हिस्सों में होगा। एक सेक्शन इंग्लिश का होगा, जबकि बाकी तीन सेक्शन जनरल अवेयरनेस, क्वांटिटेटिव अबिलिटी और रीजनिंग अबिलिटी के होंगे। 

कॉलेज 

BBS (277 सीटें) 

डीयू के दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडी, केशव महाविद्यालय 

योग्यता : इसमें एंटेंस टेस्ट को 50 परसेंट वेटेज दी जाती है और बारहवीं के मार्क्स की वेटेज 30 परसेंट होती है। गुप डिस्कशन और इंटरव्यू के लिए 10-10 परसेंट मार्क्स होते हैं। 

BBE (550 सीटें) 

भीमराव आम्बेडकर कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडी, गार्गी कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, रामलाल आनंद कॉलेज (ईवनिंग), शिवाजी कॉलेज, श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स, श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज। 

योग्यता : एंट्रेंस टेस्ट और बारहवीं के मार्क्स की वेटेज 50-50 परसेंट होती है। इस कोर्स में गुप डिस्कशन और इंटरव्यू नहीं होता। 

BFIA (62 सीटें) 

शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडी 

योग्यता : इस कोर्स में एंट्रेंस टेस्ट को 50 परसेंट वेटेज दी जाती है और बारहवीं के मार्क्स की वेटेज 30 परसेंट होती है। गुप डिस्कशन और इंटरव्यू के लिए 10-10 परसेंट मार्क्स होते हैं। 

BBS (जामिया) 

कब निकलते हैं फॉर्म : फॉर्म निकल चुके हैं। फॉर्म जमा कराने की आखिरी तारीख 5 मई है। फॉर्म जामिया जाकर या साइट से डाउनलोड कर सकते हैं। 

टेस्ट कब - 2 जून। टेस्ट का रिजल्ट 15 जून को आएगा। एडमिशन मेरिट के हिसाब से मिलता है, जिसमें एंट्रेंस टेस्ट का वेटेज 85 परसेंट और इंटरव्यू का वेटेज 15 परसेंट होगा। 

जॉब्स ऑप्शन 

BBS 

मैनेजमेंट और फाइनैंस के अलग-अलग सेक्टर जैसे मार्केटिंग, मैनेजिरियल और एच. आर आदि में जॉब्स। पढ़ना चाहें तो एमबीए कर सकते हैं। इसके बाद टीचिंग में जा सकते हैं। 

BBE 

प्लानिंग से जुड़ी जॉब्स। पढ़ना चाहें तो आगे एमबीई और पीएचडी करके टीचिंग कर सकते हैं। 

BFIA 

बैंकिंग, म्यूचुअल फंड और शेयर माकेर्ट आदि से जुड़ी जॉब्स मिलती हैं। बीएफआईए के बाद ऐकडेमिक के लिए कोई पढ़ाई नहीं होती। 

CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट) 

कहां से : द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया। 

योग्यता : CA तीन हिस्सों में होता है। CPT, IPCC और फाइनल। वैसे तो इंस्टिट्यूट में दसवीं के बाद CPT यानी कॉमन प्रोफिशियंसी टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, लेकिन टेस्ट बारहवीं पास करने के बाद ही दिया जा सकता है। बारहवीं के बाद भी CPT के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। 

कितने साल : अगर सब कुछ न्यूनतम समय में किया जाए, तो सीए बनने में चार साल का वक्त लगता है। 

रजिस्ट्रेशन कब : CPT के लिए पूरे साल रजिस्ट्रेशन होता रहता है। 

टेस्ट कब : टेस्ट साल में दो बार जून और दिसंबर में होता है। 

टेस्ट फॉरमैट : CPT ऑब्जेक्टिव टाइप टेस्ट होता है। टेस्ट में अकाउंटिंग, मर्केंटाइल लॉ, जनरल इकनॉमिक्स, क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड से सवाल पूछे जाते हैं। गलत जवाब देने पर निगेटिव मार्किंग होती है। टेस्ट 200 मार्क्स का है। यह दो सेशन में बंटा होता है और हर सेशन दो घंटे का होता है। पहला सेशन 100 मार्क्स का होता है, जिसमें 60 मार्क्स का फंडामेंटल्स ऑफ अकाउंटिंग और 40 मार्क्स का मर्केंटाइल लॉ होता है। दूसरा सेशन भी 100 मार्क्स का होता है, जिसमें 50 मार्क्स का जनरल इकनॉमिक्स और 50 का क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड होता है। 

CPT पास करने के बाद IPCC यानी इंटिग्रेटेड प्रफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता हैं, जिसमें दो गुप होते हैं। पहले ग्रुप में चार और दूसरे ग्रुप में तीन पेपर होते हैं। पहले या दोनों गुप क्लियर करने के बाद आप आर्टिकलशिप शुरू कर सकते हैं, जोकि लगभग तीन साल की होती है। IPCC क्लियर करने के बाद आप फाइनल में आते हैं। फाइनल के लिए भी रजिस्टेशन कराना होता हैं। फाइनल में दो ग्रुप होते हैं, जिनमें चार-चार सब्जेक्ट होते है। IPCC और फाइनल एगाम मई और नवंबर में होते हैं। फाइनल क्लियर करने के बाद 15 दिन कीउशणए यानी जनरल मैनेजमेंट कम्यूनिकेशन स्किल्स की क्लास होती है, जिसके बाद आपको सीए का सर्टिफिकेट मिल जाता है। ज्यादा जानकारी के लिए www.ical.org देखें। 

जॉब ऑप्शंस : सीए करने के बाद आप चार्टर्ड अकाउंटेंट बन जाते हैं। पढ़ना चाहें तो लॉ करना फायदेमंद रहता है। सीए कोर्स करने के साथ-साथ बी.कॉम ऑनर्स या बी.कॉम पास कोर्स कॉरेस्पोन्डेंस से तो कर सकते हैं, लेकिन रेग्युलर कॉलेज नहीं कर सकते। 

CS (कंपनी सेक्रेटरी) 

कहां से : इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्ररीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई)। 

कहां से लें फॉर्म : लोदी रोड स्थित आईसीएसआई हेडक्वॉर्टर से ले सकते हैं। 

कब होता हैं ऐडमिशन : ऐडमिशन पूरे साल होते हैं। 

टेस्ट कब : तीनों लेवल के लिए टेस्ट साल में दो बार जून और दिसंबर में होते हैं। 

कोर्स अवधि : साढ़े तीन साल। 

बारहवीं के बाद सीएस कोर्स करने के लिए आपको तीन लेवल से गुजरना होगा। 

1. फाउंडेशन प्रोग्राम - आठ महीने का यह कोर्स आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं पास करने के बाद कर सकते हैं। 8 महीने के फाउंडेशन प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए साल में दो बार जून और दिसंबर में टेस्ट होता है। जो स्टूडेंट्स 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं, वे उसी साल दिसंबर में एगाम दे सकते हैं। जो 30 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन कराते हैं, वे अगले साल जून में एगाम दे सकते हैं। इसके बाद इग्जेक्युटिव प्रोग्राम और प्रफेशनल और प्रफेशनल प्रोग्राम होता हे। 

2. इग्जेक्युटिव प्रोग्राम - जो स्टूडेंट्स ग्रैजुएशन के बाद सीएस करना चाहते हैं, उन्हें फांउडेशन नहीं करना है। ऐसे स्टूडेंट्स सीधे इग्जेक्युटिव प्रोग्राम करेंगे। एक साल का यह कोर्स फाइन आर्ट्स को छोड़कर किसी भी स्ट्रीम में ग्रैजुएट होने पर कर सकते हैं। वहीं इग्जेक्युटिव प्रोग्राम के लिए 28 फरवरी तक रजिस्टेशन कराने पर उसी साल दिसंबर में और 31 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन कराने पर अगले साल जून में एग्जाम दे सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए www.icsl.edu देखें। 

3. प्रफेशनल प्रोग्राम - एक साल का यह कोर्स सीएस का इग्जेक्युटिव प्रोग्राम पास करने के बाद होता है। 

इसके अलावा 15 महीने की ट्रेनिंग भी होती है। इसे स्टूडेंट इग्जेक्युटिव प्रोग्राम को पास करने के बाद भी कर सकता है। सभी एगाम पास करने और टेनिंग पूरी करने के बाद स्टूडेंट का एनरोलमेंट 'असोसिएट मेंबर ऑफ द इंस्टिट्यूट' के रूप में हो जाता है और उसे कंपनी सेकेट्री का सर्टिफिकेट मिल जाता है। पहले सीएस में सिर्फ ग्रैजुएट स्टूडेंट्स को ही ऐडमिशन दिया जाता था। लेकिन अब बारहवीं के बाद स्टूडेंट्स इस कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। 

जॉब ऑप्शंस : सीएस करने के बाद आप कंपनी सेक्रेटरी बन जाते हैं, जिसके बाद अपनी प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसमें इनकम टैक्स से जुड़ा काम करना होता है। पढ़ना चाहें तो लॉ करना फायदेमंद रहता है। सीएस कोर्स करने के साथ-साथ बी.कॉम ऑनर्स या बी.कॉम पास कोर्स कॉरेस्पोन्डेंस से तो कर सकते हैं, लेकिन रेग्युलर कॉलेज नहीं कर सकते। 

डीयू में सेमेस्टर सिस्टम के बाद बदलाव 

डीयू की फैकल्टी ऑफ कॉमर्स ऐंड बिजनेस ने बी.कॉम पास और बी.कॉम ऑनर्स कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम पर अंतिम मुहर लगा दी है। कॉमर्स कोर्सेज का सेमेस्टर वाइज सिलेबस तैयार करने का प्रोसेस पिछले दो साल से चल रहा था और कई बार इसमें बदलाव किए गए। सेशन 2011-12 में डीयू में कॉमर्स में ऐडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को नए सब्जेक्ट भी पढ़ने को मिलेंगे। यूनिवर्सिटी ने सेमेस्टर के हिसाब से जो नया सिलेबस तैयार किया है, उसमें बी.कॉम पास में पेपरों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 और बी.कॉम ऑनर्स में 22 की जगह 26 कर दी गई है। हर पेपर 100-100 नंबर का होगा। अभी एक पेपर 75 नंबर का होता है। 100 नंबर के पेपर में 75 नंबर की लिखित परीक्षा होगी और 25 नंबर इंटरनल असेसमेंट के आधार पर मिलेंगे। एग्जाम तीन घंटे का होगा। 

ऑनर्स बनाम पास प्रोग्राम 

ऑनर्स प्रोग्राम में पास कोर्स की तुलना में ज्यादा पेपर होते हैं। 

पास कोर्स के मुकाबले ऑनर्स कोर्स में ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है। 

हालांकि पहले पास कोर्स के मुकाबले ऑनर्स को ज्यादा महत्व दिया जाता था, लेकिन अब डिग्री के मामले में दोनों का महत्व बराबर है। 

कोर्स आपने किस कॉलेज और यूनिवर्सिटी से किया है, यह बात फर्क पैदा कर देती है। 

रेग्युलर या कॉरिस्पॉन्डेंस 

किसी भी ऐकडेमिक कोर्स के लिए रेग्युलर कॉलेज में एडमिशन लेना बेहतर है। किसी कारण से कोर्स रेग्युलर नहीं कर सकते तो पढ़ाई के साथ-साथ कोई जॉब जरूर करें। अक्सर डिग्री कोर्स करने के बाद जब आप आगे की पढ़ाई करते हैं तो यह जॉब एक्सपीरियंस आपके काम आता है। घर पर खाली बैठकर कोई भी कोर्स कॉरिस्पॉन्डेंस से न करें। 

कोर्स बेहतर या कॉलेज 

कॉलेज के पीछे न भागें। अपनी दिलचस्पी देखकर ही कोर्स चुनें। अच्छे कॉलेज के चक्कर में किसी ऐसे कोर्स में एडमिशन न लें, जिसमें आपकी दिलचस्पी न हो या जिसमें भविष्य में करियर की संभावनाएं कम हों। हां, अगर कम्प्रोमाइज छोटा है तो आप कॉलेज को तवज्जो दे सकते हैं। अगर कोई स्टूडेंट पॉलिटिकल साइंस में ऐडमिशन लेना चाहता है लेकिन कट-ऑफ लिस्ट के मुताबिक परसेंट कम होने के कारण उसे उस कॉलेज में ऐडमिशन नहीं मिल पाता और वह उस कॉलेज में हिस्ट्री में ऐडमिशन ले तो इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर आप कॉमर्स के स्टूडेंट हैं और सिर्फ कॉलेज के चक्कर में आप हिस्ट्री में एडमिशन लें तो इससे आपके करियर में नुकसान हो सकता है। पॉपुलर कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए यूं ही किसी भी कोर्स में ऐडमिशन न ले लें। 

मनचाही जगह एडमिशन न मिलने पर 

अगर कॉलेज की कट-ऑफ लिस्ट ज्यादा हाई जाए और रिजल्ट आने पर आपके मार्क्स इतने कम हों कि आपको किसी कॉलेज से रेग्युलर ऐडमिशन न मिल पाए तो निराश न हों। आप कॉरिस्पॉन्डेंस में भी ऐडमिशन ले सकते हैं। लड़कियों के लिए कॉरस्पोन्डेंस के साथ-साथ नॉन कॉलिजिएट का ऑप्शन भी है, जिसमें कट ऑफ गिरकर 60 परसेंट तक भी आ जाती है। इसके अलावा ऐसे कोसेर्ज में अप्लाई करें, जिनके लिए एंटेंस एगाम लिया जाता है। अक्सर ऐसे एगाम कम परसेंट वाले भी दे सकते हैं। इसके अलावा दूसरे अच्छे ऑप्शन को भी चुन सकते हैं, न कि किसी खास कॉलेज में एडमिशन को लेकर बाकी बचे दूसरे ऑप्शंस को नजरअंदाज करें। अगर डीयू में ऐडमिशन नहीं मिल पाता है तो दुखी होने की जरूरत नहीं है। डीयू के अलावा दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया, आईपी यूनिवर्सिटी और इग्नू भी हैं जहां आप एडमिशन ले सकते हैं। सिर्फ डीयू में ही अपने करियर की संभावनाओं को न तलाशें और डिग्री के पीछे न भागें। अगर आप पढ़ने में अच्छे हैं तो डीयू के अलावा दूसरी यूनिवर्सिटी से कोर्स करके भी अच्छा करियर बना सकते हैं। ऐडमिशन लेने से पहले कोर्स और यूनिवर्सिटी के बारे में पूरी जानकारी जरूर ले लें। 

कितनी जरूरी है कोचिंग 

ज्यादातर स्टूडेंट्स बीबीएस, बीबीई, बीएफआईए आदि प्रफेशनल कोर्सेज के लिए कोचिंग लेते हैं, लेकिन एंटेंस टेस्ट क्लियर करने के लिए कोचिंग की कोई खास जरूरत नहीं होती। आप घर बैठकर एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करें। कोर्स देखकर पढ़ने के लिए खुद मैटर जुटा सकते हैं। कोचिंग आदि लेने से समय की बचत तो जरूर होती है लेकिन नॉलेज सीमित हो जाती है। पढ़ने के लिए खुद रिसोर्स इकट्टा करें और एंटेंस टेस्ट के लिए संबंधित सब्जेक्ट में अपनी जानकारी बढ़ाएं। 

यूजफुल लिंक्स 

www.du.ac.in 
https://jmi.nic.in 
www.ipu.ac.in 
www.icsi.edu 
www.icai.org 

नोट : जिन्होंने बारहवीं का एग्जाम दिया हुआ है और रिजल्ट अभी नहीं आया है, वे भी ऊपर बताए तमाम कोर्सों में अप्लाई कर सकते हैं। रिजल्ट आने के बाद संस्थान आपसे मार्कशीट आदि मांगेगा। 

एक्सर्पट्स पैनल


डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा, डिप्टी डीन, स्टूडेंट वेलफेयर, डीयू 
डॉ. पी. सी. जैन, प्रिंसिपल, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, डीयू 
परवीन मल्होत्रा, करियर काउंसिलर

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