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Wednesday, April 20, 2011

डीडीए ड्रॉ में एक ही परिवार को मिले 3 घर

प्रमुख संवाददाता ॥ नई दिल्ली 
डीडीए हाउसिंग स्कीम में जहां 7.5 लाख लोगों में से सिर्फ 16,000 लोगों को फ्लैट मिले, वहीं एक परिवार ऐसा भी है जिसमें तीन लोगों का फ्लैट निकल आया। तीनों भाई-बहन हैं।

पंजाब नैशनल बैंक में काम करने वाले सुरेंद्र कुमार सिद्धार्थ नगर में रहते हैं। इनके दो बेटी और दो बेटे हैं। हाउसिंग स्कीम में इन्होंने खुद भी अप्लाई किया था, साथ ही तीन बच्चों से भी अप्लाई करा दिया था। सुरेंद्र ने बताया, 'मेरे बड़े बेटे ने अप्लाई नहीं किया, बड़ी बेटी प्रीति, छोटी बेटी पूनम और बेटे राहुल ने फॉर्म भरा था। दोनों ने पहली बार अप्लाई किया था क्योंकि जॉब मिले हुए इन्हें 1-2 साल ही हुआ है।' प्रीति एक एनजीओ में काम करती हैं और पूनम इंजिनियर हैं। 22 साल का राहुल जॉब की तलाश कर रहा है।

सुरेंद्र ने कहा, 'सब किस्मत की बात होती है। मैं 1989 से लेकर अब तक हर बार अप्लाई कर रहा हूं लेकिन आज तक मेरा ड्रॉ नहीं निकला। तीनों बच्चों का निकल आना मेरे लिए चमत्कार ही है। वैसे लोगों को शक भी होता है कि तीनों का फ्लैट कैसे निकल गया। तीनों के फॉर्म एक ही सीक्वेंस में थे लेकिन मेरा तो ऐसा कुछ भी नहीं था। जीवन में कुछ अच्छे काम किए होंगे, जिसका फल मिला है।'

प्रीति ने कहा, 'हमें तो बिल्कुल उम्मीद ही नहीं थी कि किसी एक का भी फ्लैट निकलेगा। लेकिन जब रात में वेबसाइट पर देखा तो हम तीनों के फॉर्म नंबर और नाम वहां था। यह हमारे लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं था। खुशी तो हुई लेकिन यकीन करना मुश्किल हो रहा था। रात भर हमें यही लगा कि जरूर कुछ गलत देख लिया है। फिर सुबह जब न्यूजपेपर आया, तब देखा तो वहां भी तीनों के फॉर्म नंबर थे। तब यकीन हुआ कि हां, सच में हम तीनों ही लकी विनर हैं।'

तीनों के फ्लैट कोंडली, घड़ौली में निकले हैं। सबके फ्लैट ए ब्लॉक में हैं। एक फर्स्ट फ्लोर, एक सेकंड फ्लोर और एक फोर्थ फ्लोर है। डीडीए की पीआर कमिश्नर नीमो धर ने कहा कि यह पूरी तरह से संयोग है। उनके फॉर्म नंबर 1070441, 1070442 और 1070443 थे लेकिन रेंडम नंबर में बहुत फर्क था। रेंडम नंबर 179124, 163706 और 193311 थे। नीमो धर ने कहा कि इन तीनों के फ्लैट निकलने की दो वजहें हैं। पहला यह कि रिजर्व कैटिगरी (एससी) के हैं और इनके लिए 17.5 पर्सेंट रिजर्वेशन था। दूसरा यह कि इन्होंने कोंडली घड़ौली में एलआईजी फ्लैट के लिए आवेदन किया था और यहां 1,830 फ्लैट थे, जो कि काफी ज्यादा हैं।

बीजेपी का दावा, परिवार के पांच को फ्लैट 
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विजेंद गुप्ता का दावा है कि डीडीए लॉटरी में धांधली हुई है। उन्होंने बताया कि एक ही परिवार के पांच लोगों का ड्रॉ में फ्लैट निकला है। इनके नाम हैं - सुनील कुमार जैन और उनके चार बेटे समीर जैन, भानु जैन, गौरव जैन और विवेक जैन। इसी तरह से एक ही घर के तीन लोगों जिनका नाम पूनम, राहुल और प्रीति को भी फ्लैट अलॉट हुए हैं। गुप्ता ने पूरी ड्रॉ प्रक्रिया की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

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