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Thursday, July 21, 2011
नाग पंचमी पर बिषहारा की पूजा
-- नागों के प्रति सम्मान प्रगट करने का पर्व है नाग पंचमी
मधुबनी, निज संवाददाता : जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कुलदेवता की विशेष पूजा की गई। इस अवसर पर मीठी खीर व नमकीन खीर बनाकर कुलदेवता व देवी को समर्पित किया। साथ ही परिवार के लोगो ने नीम का पत्ता व नींबू का रस जीभ पर रखकर बिषहारा से सभी को सुरक्षित रखने का आशीर्वाद मांगी।
सावन मास के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नागपंचमी त्योहार नागों को समर्पित है। इस अवसर पर व्रत पूर्वक नागों की पूजा की जाती है। वेद व पुराणों नागों का उद्गम महर्षि कश्यप व उनकी पत्नी कद्रू से माना जाता है। देवी भागवत में प्रमुख नागों का नित्य स्मरण करने की बात कही गई है व अनेक पूजा विधान बताए गए हैं। इसके अलावे गरूड़ पुराण, भविष्य पुराण, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, भाव प्रकाश आदि ग्रंथों में नाग संबंधी विविध उल्लेख मिलता है।
प्राणीशास्त्र के अनुसार नागों की असंख्य प्रजाति है। जिनमें विष भरे नागों की संख्या कम है। ये नाग हमारी कृषि संपदाओं की कृषि नाशक जीवों से रक्षा करते हैं। पर्यावरण का तथा वन संपदा की रक्षा में नागों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नागपंचमी का पर्व नागों के प्रति सम्मान, उनके संवर्धन एवं संरक्षण की प्रेरणा देता है।
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