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Saturday, January 22, 2011
मधुबनी में पर्यटन के विकास की जगी संभावना
मधुबनी। मधुबनी के ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों को देश के पर्यटन के मानचित्र पर लाने के सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा का पहल सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो रंग लाने वाला है। पर्यटन विभाग के आदेश पर जिले के सोलह ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण करनी आयी एक सदस्यीय टीम ने यहां के ऐतिहासिक स्थलों को अद्वितीय बताया एवं इसके संरक्षण पर बल दिया। मालूम हो कि ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू को पत्र लिखकर जिले में ऐतिहासिक व धार्मिक रूप से प्रसिद्धि प्राप्त लेकिन उपेक्षित झंझारपुर के शांति नाथ महादेव मंदिर, पंचानाथ महादेव मंदिर,भैरव स्थान, जमथर के गौरी शंकर स्थान, झंझारपुर के वार्ड न. तीन स्थित महादेव स्थान, काको के सिंघेश्वरनाथ महादेव मंदिर, लखनौर के मैची स्थित कपिलेश्वर नाथ महादेव, राधा कृष्ण मंदिर, औक्सी महादेव मंदिर, मधेपुर के पचही स्थित चामुंडा स्थान, फटकीकुटी के लक्ष्मी गौसाई मंदिर, भीठ भगवानपुर के विदेश्वस्थान, लोहना के सिंहवाहिनी दुर्गा मंदिर, प्राचीन टिला, परसा के सूर्य मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का अनुरोध किया था। इनके पत्र के आलोक में पर्यटन विभाग के अपर सचिव ने अपने ज्ञापांक प.वि. विविध 17/ 2010 -63 दिनांक 07.01.2011 को वास्तुविद् अशेष कुमार को उक्त स्थलों का सर्वेक्षण करवाकर परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने का निर्देश दिया था। सहायक वास्तुविद् अरविंद कुमार जिले के तीन दिवसीय दौर पर आए थे। उन्होंने उक्त स्थलों का सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि यहां के ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल अद्वितीय हैं साथ ही जिले में पर्यटन के विकास की अपार संभावना है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वास्तुविद् अशेष कुमार दो तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट पर्यटन विभाग को सौपेंगे। रिपोर्ट के आधार पर मंत्री स्तरीय बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी
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