1-मोबाइल ऑपरेटर बदलने का क्या नुकसान है?
मोबाइल ऑपरेटर बदलने के साथ ही आप प्रीपेड कार्ड का बैलेंस खो बैठेंगे। यदि आप सीडीएमए से जीएसएम में जाना चाहते हैं, तो आपको हैंडसेट भी बदलना होगा। 3
2-क्या टेक्नॉलजी में भी बदलाव संभव है?
GSM/CDMA दोनों तरह के ग्राहक एमएनपी का लाभ उठा सकते हैं। पोस्टपेड और प्रीपेड दोनों तरह के ग्राहक ऑपरेटर बदल सकते हैं।
3-कितने दिनों में बदल जाएगा ऑपरेटर?
कम से कम 7 दिन में यह प्रोसेस पूरा होगा। जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट में 15 दिन लेंगेगे।
4-कितना महंगा है ऑपरेटर बदलना?
मोबाइल ऑपरेटर को बदलने के लिए आपको 19 रुपये चुकाने होंगे। इसका भुगतान नए सर्विस प्रवाइडर को करना होगा।
5-दिल्ली का नंबर मुंबई में चलेगा?
नहीं। आप सर्कल नहीं बदल सकते हैं। इसका मतलब यह है कि नंबर दिल्ली का है तो मोबाइल ऑपरेटर दिल्ली में ही बदलना होगा, मुंबई में नहीं। ऑपरेटर को आप केवल सर्कल के अंदर ही बदल सकते हैं।
6-कितने अंतराल में बदल सकते हैं ऑपरेटर?
आपको मोबाइल ऑपरेटर बदलने के बाद कम से कम तीन महीने उसके साथ रहना होगा। आप 90 दिन बाद ही अपना सर्विस प्रोवाइडर बदल सकते हैं।
7-क्या MNP से क्वालिटी सुधरेगी?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह तब ही होगा जब मोबाइल ऑपरेटर्स को लगेगा कि उनके ग्राहक तेजी से खिसक रहे हैं। सर्वे के मुताबिक पॉर्टेबिलिटी से कंपनियों पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला। कुछ ग्राहक उनसे रूठेंगे, तो कुछ जुड़ेंगे भी।
8-क्या ऑपरेटर को बदलने से मोबाइल बिल घटेगा?
मोबाइल कंपनियों का टैरिफ भारत में लगभग एक जैसा ही है। ऑपरेटर बदलने से आपका मोबाइल बिल बहुत कम हो जाएगा, कम से कम ऐसा नहीं होने वाला। हां आप अपने परिवार के बाकी सदस्यों के मोबाइल ऑपरेटर को अपनाकर एक ही नेटवर्क से मिलने वाले फायदे उठा सकते हैं।
9-भविष्य में क्या कुछ फायदा-नुकसान हो सकता है?
पोस्टपेड प्लान सस्ते हो सकते हैं। टेलिकॉम कंपनियां हैंडसेट्स पर डिस्काउंट्स दे सकती हैं।
10-एमएनपी का कंपनियों पर असर?
एमएनपी लागू होने के पहले ही दिन 21 हजार लोगों ने मोबाइल ऑपरेटर बदला
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