भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल में 260 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए युवराज और रैना के बीच 74 रन की अटूट साझेदारी से 14 गेंद शेष रहते ही जीत दर्ज कर ली। बाद में धोनी ने जीत का क्रेडिट इन दोनों को दिया, जबकि पॉन्टिंग ने कहा कि बाएं हाथ के इन दोनों बल्लेबाजों ने उनसे मैच छीन लिया।
धोनी ने कहा, मुझे पता था कि यह हमारी अंतिम जोड़ी है लेकिन असल में 50 ओवर तक टिके रहना जरूरी था। जिसमें युवराज और रैना सफल रहे। तब दबाव था और इस पर कैसे पार पाया जाए यह अहम था। पॉन्टिंग ने कहा कि युवराज और रैना की साझेदारी उनके लिये घातक साबित हुई।
उन्होंने कहा, 260 रन का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था लेकिन युवराज और रैना ने वास्तव में बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। जब 15 ओवर बचे थे तब दबाव बनाना जरूरी था लेकिन युवराज और रैना ने अच्छी तरह से अपनी टीम को लक्ष्य तक ले गए।
धोनी ने इसके साथ ही कहा कि यूसुफ पठान की जगह रैना को उतारने का फैसला भी सही साबित हुआ। उन्होंने कहा, यूसुफ सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते हैं तो तेजी से रन बनाते हैं। लेकिन रैना तकनीकी तौर पर बेहतर बल्लेबाज हैं और हम 50 ओवर तक टिके रहना चाहते थे। इसलिए हमने रैना को चुना, लेकिन सभी जानते हैं कि यूसुफ बेहद खतरनाक बल्लेबाज हैं।
धोनी फील्डिंग से भी खुश दिखे लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने दस रन अधिक बनाए। उन्होंने कहा, यदि हमें उन्हें 250 रन तक रोकते तो वह अच्छा रहता। बहरहाल हमने आज बेहतरीन फील्डिंग की। हमारी टीम को क्षेत्ररक्षण में अच्छा नहीं माना जाता लेकिन आज हमने कम से कम 15 रन बचाए। भारतीय कप्तान से जब पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले सेमीफाइनल मुकाबले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि टीम पर इसका दबाव रहेगा।
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