Subscribe

RSS Feed (xml)



Powered By

Powered by Blogger

Best Offers

Share with me

Monday, February 07, 2011

भटकी रहल छि तरपी रहल छि

भटकी रहल छि तरपी रहल छि

अपने के हम पटकी रहल छि

नै बढ़ देब मिथिला के हम

बाहर रही क चमैक रहल छि

कत बिला गेल अप्पन भाषा

अंग्रेजी फारसी संग बमैक रहल छि

छोरु मिथिला के बात नै करू

आनक भाषा के साथ नै छोरु

लेकिन एक दिन मिथिले काज देत

अतबे कहै ले चहैक रहल छि

भटकी रहल छि ................................................

जय मिथिला

आनंद झा

No comments:

Hotels in India

Best Offer