एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बदलाव रातोंरात नहीं आया है। पिछले तीन हजार सालों से साल के अलग-अलग समय के लिए 12 राशियां तय थीं। इस दौरान तारे अपनी चाल बदल चुके हैं और लगातार सूर्य की परिक्रमा कर रही पृथ्वी की स्थिति भी बदल गई है। इसकी वजह से राशियां करीब एक महीने आगे बढ़ गई हैं।
अब तक हम अपने सनसाइन यानी सूर्य राशियां देखते आ रहे थे, लेकिन चंद्रमा की ओर गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ने के कारण सितारों की स्थितियां बदल गई हैं। ऐसा होने से एक और नई राशि बन गई है, जिसका नाम ओफियूकस रखा गया है। यह राशि वृश्चिक के बाद और धनु के पहले आएगी।
इस हिसाब से नई पद्धति आने के बाद अधिकांश लोगों की राशि बदल जाएगी और दुनिया के बड़े-बड़े ज्योतिषी इस पर चर्चा में जुट गए हैं। जानकारों का कहना है कि नई पद्धति में भले ही किसी शख्स की राशि बदल जाए पर जन्म कुंडली पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ओफियूकस राशि वाला व्यक्ति ईमानदार, बुद्धिजीवी, इर्ष्यालु और सेक्स अपील वाला होगा।
जानिए, नई पद्धति लागू होने पर आपकी राशि क्या होगी
मकर : 20 जनवरी से 16 फरवरी
कुंभ: 16 फरवरी से 11 मार्च
मीन : 11 मार्च से 18 अप्रैल
मेष: 18 अप्रैल से 13 मई
वृषभ:13 मई से 21 जून
मिथुन : 21 जून से 20 जुलाई
कर्क : 20 जुलाई से 10 अगस्त
सिंह : 10 अगस्त से 16 सितंबर
कन्या : 16 सितंबर से 30 अक्तूबर
तुला : 30 अक्तूबर से 23 नवंबर
वृश्चिक : 23 नवंबर से 29 नवंबर
ओफियूकस : 29 नवंबर से 17 दिसंबर
धनु : 17 दिसंबर से 20 जनवरी
No comments:
Post a Comment