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Monday, March 07, 2011

ओतबे करय छि जननी, जतबे अहाँ कहई छि


ओतबे करय छि जननी, जतबे अहाँ कहई   छि

माँ मैथिलि अहाँ के, चरण में हम परल छि  

ओतबे करय...........................................

अहिं छि माँ जगजननी, अहिं छि माँ जगदम्बा

सीता सेहो अहिं छि ,अहिं  छि काली अम्बा

हमरा किछु  नै बुझल, सबटा अहिं करय छि

माँ मैथिलि ...........................................

हमरा लग नै  किछु  अछि, बस पान आर... मखान के

पिछरल छि सब ठाम, निश्तेज निष्प्राण भेल

आबो कृपा जे करीतौं, किये ऐना रुसल छि

माँ मैथिलि ..............................................

एहन की  हम करम केलों, हमरा अहाँ त्यागी देलौं

हमहूँ  अहिं के पूत छि, हमरे पर किये जुलुम केलौं

कहिया तक हमरा तेजब ,किये ने बजा रहल छि

माँ मैथिलि .................................................

जानी  ने कहिया स हम सब  भटकी रहल छि

मिथिला के बात होय कोना, दुनियां के खटकी रहल छि

सुनियौ बिनती आनंदो के किये सता रहल छि

माँ मैथिलि ......................................................

आनंद झा

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