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Monday, February 21, 2011
मंद पवन के झोके मे
मंद पवन के झोके मे
लहराते धान के खेतों मे
हरे भरे बगीचों मे
जब भी आती गाव की याद
रस से भरे आम के परो से
कास वो दिन फिर वापस आता
वो बचपन साथ जो लता
एक वार फिर जो मै गाव जाता
मेरा बचपन फिर से बापस आता
मंद पवन के झोके मे
लहराते धान के खेतों मे
हरे भरे बगीचों मे
जब भी आती गाव की याद
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